चुनार का किला व जरगो बांध
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें।अगले दिन वाराणसी से निकलकर हम तीनों चन्द्रेश (वेबसाइट) के गांव की तरफ चल पडे। आज चूंकि एक ही बाइक थी इसलिये तीनों उसी पर सवार हो गये। दूसरी...
View Articleविन्ध्याचल और खजूरी बांध
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें।चुनार से निकलकर हमारा काफिला मीरजापुर की तरफ चल पडा। मीरजापुर से कुछ किलोमीटर पहले एक छोटा सा चौरास्ता है, जहां से हम बायें मुड गये और सुनसान...
View Article46 रेलवे स्टेशन हैं दिल्ली में
एक बार मैं गोरखपुर से लखनऊ जा रहा था। ट्रेन थी वैशाली एक्सप्रेस, जनरल डिब्बा। जाहिर है कि ज्यादातर यात्री बिहारी ही थे। उतनी भीड नहीं थी, जितनी अक्सर होती है। मैं ऊपर वाली बर्थ पर बैठ गया। नीचे कुछ...
View Articleरूपकुण्ड यात्रा की शुरूआत
रूपकुण्ड उत्तराखण्ड में 4800 मीटर की ऊंचाई पर एक छोटी सी झील है। वैसे तो हिमालय की ऊंचाईयों पर इस तरह की झीलों की भरमार है लेकिन रूपकुण्ड एक मामले में अद्वितीय है। इसमें मानव कंकाल बिखरे पडे हैं।...
View Articleरूपकुण्ड यात्रा- दिल्ली से वान
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें।29 सितम्बर 2012 की सुबह मैं आनन्द विहार बस अड्डे के पास उस तिराहे पर खडा था जहां से मोहननगर जाने वाली सडक का जन्म होता है और वहीं दिल्ली और...
View Articleरूपकुण्ड यात्रा- वान से बेदिनी बुग्याल
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें।जब मैं वान में था तो इन्दरसिंह के होटल के सामने सडक पर जो कि खाली पडी जमीन ज्यादा लगती है, दो लोग खच्चर के लिये मोलभाव कर रहे थे। अगले दिन...
View Articleबेदिनी बुग्याल
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें।बेदिनी बुग्याल रूपकुण्ड के रास्ते में आता है। इसकी समुद्र तल से ऊंचाई करीब 3400 मीटर है। बुग्याल एक गढवाली शब्द है जिसका अर्थ होता है ऊंचे...
View Articleरूपकुण्ड यात्रा- बेदिनी बुग्याल से भगुवाबासा
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें।2 अक्टूबर 2012, जब पूरा देश गांधी जयन्ती मनाने की सोचकर सोया हुआ था, सुबह पांच बजे, मैं उठा और रूपकुण्ड के लिये चल पडा। यहां किसी के ध्यान...
View Articleरूपकुण्ड- एक रहस्यमयी कुण्ड
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें।भगुवाबासा समुद्र तल से लगभग 4250 मीटर की ऊंचाई पर है जबकि इससे चार किलोमीटर आगे रूपकुण्ड 4800 मीटर पर। अगर चढाई का यही अनुपात 2000 मीटर की...
View Articleरूपकुण्ड से आली बुग्याल
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें।3 अक्टूबर 2012 की सुबह आराम से सोकर उठा। कल रूपकुण्ड देखकर आया था तो थकान हो गई थी और नींद भी अच्छी आई। हालांकि स्लीपिंग बैग में उतनी अच्छी...
View Articleरूपकुण्ड यात्रा- आली से लोहाजंग
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें।आली बुग्याल के बिल्कुल आखिरी सिरे पर है वो छोटा सा पानी का कुण्ड, मुझे बताया गया गया था कि वहां से नीचे उतरने का रास्ता मिलेगा। मैं कुण्ड के...
View Articleरूपकुण्ड का नक्शा और जानकारी
इस यात्रा वृत्तान्त को पूरा पढने के लिये यहां क्लिक करें।रूपकुण्ड का यात्रा वृत्तान्त तो खत्म हो गया है। आज कुछ और सामान्य जानकारी दी जायेगी, जो बाद में जाने वालों के काम आयेगी।रूपकुण्ड के यात्रा मार्ग...
View Articleऋषिकेश से नीलकण्ठ साइकिल यात्रा
हम ऋषिकेश में हैं और आज हमें सौ किलोमीटर दूर दुगड्डा जाना है साइकिल से। इसके लिये हमने यमकेश्वर वाला रास्ता चुना है- पहाड वाला। दिन भर में सौ किलोमीटर साइकिल चलाना वैसे तो ज्यादा मुश्किल नहीं है लेकिन...
View Articleनीलकण्ठ से हरिद्वार साइकिल यात्रा
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें।नीलकण्ठ से अब बारी थी वापस आने की। दोपहर बाद ढाई बजे के आसपास नीलकण्ठ से वापस चल दिये। बडी जबरदस्त तलब लगी है वापस चलने की क्योंकि अब सारे...
View Articleदिल्ली- जयपुर डबल डेकर ट्रेन यात्रा
एक दिन अचानक नजर में आया कि लोहारू- सीकर मीटर गेज लाइनबन्द हो गई है। उसे बडी लाइन में बदला जायेगा और कुछ महीनों बाद वो भारत के मुख्य रेल नेटवर्क से जुड जायेगी। हालांकि हर बन्द होती छोटी लाइन के बारे...
View Articleजयपुर- चूरू मीटर गेज ट्रेन यात्रा
शेखावाटी में आज के समय में एक ही रूट पर मीटर गेज चलती है- जयपुर से चूरू के बीच। एक समय ऐसा हुआ करता था कि शेखावाटी के लोगों को पता भी नहीं था कि भारत में कहीं बडी ट्रेन भी चलती है। उनकी सबसे नजदीकी...
View Articleऔर ट्रेन छूट गई
नवम्बर में एक ऐसा अदभुत योग बन रहा था कि मुझे अपने खाते से मात्र दो छुट्टियां खर्च करके उनके बदले में आठ छुट्टियां मिल रही थीं। यह योग बीस से सत्ताईस नवम्बर के बीच था। उधर चार दिसम्बर से बीस दिसम्बर तक...
View Articleपुष्कर
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें।एक बार मैं और विधान गढवाल के कल्पेश्वरक्षेत्र में भ्रमण कर रहे थे, तो एक विदेशी मिला। नाम था उसका केल्विन- अमेरिका में बढई है और कुछ समय...
View Articleपुष्कर- ऊंट नृत्य और सावित्री मन्दिर
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें।23 नवम्बर 2012.पुष्कर में सालाना कार्तिक मेला शुरू हुए तीन दिन हो चुके थे। रोजाना सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हो रहे थे। आज के कार्यक्रम के...
View Articleसाम्भर झील और शाकुम्भरी माता
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें।24 नवम्बर 2012 को रात होने तक मैं साइकिल चलाकर पुष्कर से साम्भर झील पहुंच गया। अगले दिन जब पूछताछ की तो पता चला कि यहां से 23 किलोमीटर दूर एक...
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